1.भोजन करने योग्य पदार्थ और भोजन करने की क्षमता,पर्याप्त धन राशि तथा दान देने की भावना-ऐसे संयोगों का होना सामान्य तप का फल नहीं है। 2.उस व्यक्ति ने धरती पर ही स्वर्ग को पा लिया i.जिसका पुत्र आज्ञाकारी है। i.जिसकी पत्नी उसकी इच्छा के अनुरूप व्यवहार करती है। i.जिसे अपने धन पर संतोष है। 3. पुत्र वही है जो पिता का कहना मानता हो,पिता वही है हो पुत्र का पालन-पोषण करे मित्र वहीं है जिस पर विश्वास कर सकते हो और पत्नी वही है जिससे सुख प्राप्त हो। 4.ऐसे लोग से बचे जो आपके मुंह पर तो मीठी-मीठी बातें करते है, लेकिन आपके पीठ के पीछे आपको बर्बाद करने की योजना बनाते है। ऐसा करने वाला तो उस विष के घड़े के समान है जिसकी ऊपरी सतह दूध से भरी हो। 5.एक बुरे मित्र पर तो कभी विश्वास न करे परंतु एक अच्छे मित्र पर भी कभी विश्वास ना करे,क्योंकि यदि ऐसे लोग आपसे रूष्ट हो जाते है तो आपके सभी राज से पर्दा खोल देंगे। 6. मन में सोचे हुए कार्यों को किसी के सामने प्रकट ना करे बल्कि मनन पूर्वक उसकी सुरक्षा करते हुए उसे...