डॉ भीमराव अंबेडकर
डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल,1891 को ऊहू, मध्य प्रदेश में हुआ। इन्होंने अछूत समझे जानेवालों की पीड़ा को समझ और छुआ-छूत, ऊंच-नींच की प्रथा को समाप्त करने का निश्चय किया। ये अपने पिता रामजी सकपाल की चौहदवीं संतान थे।जिन्हें अपनी माता भीम बाई का प्यार मात्र् 5 वर्ष की अवस्था तक ही मिला। इनका पालन-पोषण भाभी मीरा बाई द्वारा हुआ। जो इन्हें भीम कह कर बुलाती थी। 1905 ई० में रमाबाई के साथ विवाह कर ये पिता के साथ बम्बई गए। सन् 1907 मैं। इन्होंने मेट्रिक परीक्षा पास की। इन्हें बडौदा महाराज ने ₹25 की छात्रवृत्ति दी और बी० ऐ० कर लेने पर इन्हें अपनी फौज में लेफ्टिनेंट बना दिया। अपने पिता के स्वर्गवास के बाद ये अमेरिका चले गए और इन्होंने 1915 ई० में एम० ए० तथा 1916 में ई० पी० एच० डी० किया। इन्होंने 1923 ई० में लंदन से ही डी० एस० सी० और बार एट लॉ की उपाधि पाई। सन् 1929 में महाराज कोल्हापुर की सहायता से इन्होंने मूकनायक नामक पत्रिका निकली तथा 1927 ई० में "बहिस्कृत भारत"के माध्यम से शोषित समाज को अपना सम्मान पाने हेतु बहिस्कृत हित्कारि सभा,इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी और सिद्धार्थ कॉलेज की स्थापना की। 1936 ई० में इन्हें बंगाल विधान सभा के लिए चुना गया जहाँ इन्होंने "भारत एक हो" का नारा दिया। इन्हें सन् 1947 में संविधान सभा का प्रारूप तैयार करने वाली समिति का अध्यक्ष बनाया गया और ये स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री बने। फिर पंडित नेहरू से मतभेद हो जाने पर इन्होंने अपने पद से इस्तीफा देकर अछूतों के सेवा शुरू की और दलितों के मसीहा बन गए। इन्होंने अनेक पुस्तकें लिखी और किसी भी धर्म का विरोध नही किया।
4 अक्टूबर्,1956 ई० को यह बौद्ध बन गए तथा इसी वर्ष 6 दिसम्बर को इनका स्वर्गवास हो गया।
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