मोरारजी देसाई - भारत के चौथे प्रधान मंत्री -All rounder solver
कौन थे मोरारजी देसाई ! Full detail
श्री मोरारजी रणछोड़जी देसाई गांधीवादी नेता और भारत के एक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, जिन्हें भारतरत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से अलंकृत किया गया। फिर् सक्रिय राजनीति से दूर रहकर मुम्बई में सत्य एवं ईश्वर की खोज में वे जुट रहे। राजनैतिक जीवन में भी इन्होंने आध्यात्मिक मूल्यों के प्रति अपना उत्साह नही खोया तथा मध्य-निषेध, स्वर्ण-नियंत्रण,हिंदी, खादी आदि से संबंधित विवादों के बीच ये अटल रहे। .
मोरारजी देसाई ने मुम्बई राज्य के बलसाड़ जिला अंतर्गत भादेली गांव में फरवरी 29,सन् 1896 को जन्म लिया और अल्पायु में ही गजरा बेन के पति बने।1917 ई० में मुम्बई के विल्सन कॉलेज में प्रथम श्रेणी के स्नातक की उपाधि प्राप्त कर 1918 ई० में अहमदाबाद के डिप्टी कलेक्टर नियुक्त हुए और 1930 ई० में गांधीजी के आह्वान पर सरकारी सेवा त्याग कर स्वतंत्रान्दोलन में कूद पड़े। इन्होंने कुल मिलाकर सात साल जेल में सज़ा काटी और कांग्रेस के टिकट पर बम्बई विधान सभा के सदस्य चुने गए। श्री खेर के मंत्रिमंडल में ये राजस्व,कृषि और वन विभाग के मंत्री भी बने। सन् 42 में नज़रबंदी के दौरान इन्होंने गांधी-दर्शन का मनन किया।
1956 ई० में इन्होंने बम्बई के मुख्यमंत्री की हैसियत से पुलिस तंत्र का कायाकल्प तथा भूमि-सुधार कार्यक्रम को लागू करने जैसा काम लिया। बाद में ये जनता पार्टी के प्रथम अध्यक्ष तथा देश के प्रधानमंत्री बने। मोरारजी देसाई जी का निधन दुर्भाग्यवश 10 अप्रैल 1995 को हो गई।
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श्री मोरारजी देसाई अपनी प्राकृतिक चिकित्सा को लेकर भी प्रशिद्ध थेे ।
इनकी लिखा चिकित्सा से संबंधित पुस्तक पर सन् 1957 में कर्नाटक विश्वविद्यालय ने एल० एल० डी० की उपाधि दी। फिर यह उत्कल विश्वविद्यालय और मास्को विश्वविद्यालय द्वारा पी०एच०डी० की उपाधि से सम्मानित किए गए। लोग श्री देसाई को गांधी-वादी आदर्श,सादे जीवन और स्वच्छ आचरण के लिए सदा याद रखेंगे।
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